यादों की तस्वीर है आँगन में मेरे
वो गम की रातें वो खुशियों के सवेरे।
हर एक की सूरत दिखती है ऐसे
आज कल में ही कभी मिले हो जैसे।
वो सारे पुराने गमो की परछाई
आती है कभी मिटने को तनहाई।
अपनों का साथ वो दोस्तों की वफ़ा
मिल जाए वो सब काश फ़िर से एक दफा।
Friday, August 21, 2009
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