Tuesday, June 23, 2009

ये रिश्ता....

क्याहै ये रिश्ता और क्यूँ है ? क्या एक इंसान का आखिरी पड़ाव शादी करना ही होता है ????
क्या ये रिश्ता सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा अपना होता है?
क्यों इस एक रिश्ते के ज़िन्दगी में आने से बाकी सारे रिश्ते- दोस्ती के, भाई बहिन के, माँ बाप के, सब बदलने से लगते हैं।
क्यों ये एक रिशता आपके इतना हावी हो जाता है की आपको ख़ुद ही किसी और रिश्ते की जरूरत नही लगती। क्या ऐसा होना सही है??
क्यों हम अपने जीवनसाथी पे इतना हक़ रखने लगते हैं की हमको मंजूर नही हो पता अगर वो हमारे अलावा किसी और को भी एहमियत दे?
क्यों आख़िर क्यों?
कभी कभी जब अकेले होती हूँ तो सोचती हूँ वो भी क्या दिन थे..हम सब दोस्त एक दूसरे पे जान छिड़कते थे। एक दूसरे की खुशी में खुश और गम में दुखी होते थे। आज भी दुश्मन नही बने हैं हुम। पर आज वो दौर आ गया है की एक दूसरे क हाल जाने महिना हो जाता है। मिलने का मन तो बहुत करता है पर समय नही निकाल पते। apni ghar घ्राहस्ती में इतना लीं हो गए हैं की अपने सगों से अपने माँ बाप से बात करने क लिए भी सोचना पड़ता है..क्यों अपनों से इतना दूर होते जा रहे हैं हम॥
क्यों????
कभी लगता है अच्छा ही हुआ की हमें भी कोई मिल गया नही तो जब दोस्तों की ग्रहस्ती बस जाती तो हम अकेले रह जाते.अभी कोई है जो अपना है। कोई है जो सुख दुःख का साथी है।
पर फ़िर भी मनन दुखी होता है..क्या ऐसा नही हो सकता की ये रिशता आए ज़िन्दगी में पर हमें हमारे अपनों से जुदा न करे...क्या ऐसा हो सकता है???

2 comments:

Pradeep Kumar said...

bahut achchha sawaal uthaayaa hai aapne. yoon to har rishtaa hi khaas hota hai aur jab ham kisi rishte se judte hain to doosre ki taraf dhayaan kuchh kam ho jaataa hai. lekin main to ye maantaa hoon ki ye sab kuchh khud par nirbhar kartaa hai ki ham kisi rishte ke chakkar main doosre ko kitni ahamiyat dete hain. warna aisi koi mazboori nahi hoti ki ham chahte hue bhi kisi ko nibaah na saken.

dooriyaan khud b khud mit jaayengi,
gar aadmi qurbat ki zid pe aaye to.
saamne waale hon chaahe kitni door,
wasl bhi hoga agar qadam badh jaaye to .

vijay kumar sappatti said...

namaskar

aapne acha lekh likha hai ...bhaavo ki sahi abhivyakti hai ..meri badhai sweekar kare...

dhanywad..

pls visit my blog " poemsofvijay.blogspot.com " aur meri kavitao par kuch kahiyenga , specially "tera chale jaana " aur " aao Sajan " par .. mujhe khushi hongi ..

dhanyawad..