This poem is for all staying away from ther family either for theit job or studies or may be for some other reason n missing them...
माँ...............
तेरी याद आई॥
जब सूरज ने अपनी पहली किरण दिखाई तो तेरी याद आई,
जब सुबह सुबह चिडिया चेह्चकायी तो तेरी याद आई,
देखा बच्चों को स्कूल जाते हुए तो तेरी याद आई,
आ रह थी गर्मागर्म चाय की खुशबू सामने वाले घर से,
तो इस सर्दी की सुबह तेरी बहुत याद आई,
उठा रही थी एक माँ बड़े प्यार से अपने बच्चे को,
हो रहा था वो लेट जाने को स्कूल,
तो तेरी बहुत याद आई....
उस एक पल तेरी बहुत याद आई।
तेरे हाथ का वो नाश्ता,
तेरे वो प्यार भरा स्पर्श।
भूल जाता हूँ मैं हर गम तेरे आँचल पाने क बाद,
माँ तेरी बहुत याद आई..
माँ...............
तेरी याद आई॥
जब सूरज ने अपनी पहली किरण दिखाई तो तेरी याद आई,
जब सुबह सुबह चिडिया चेह्चकायी तो तेरी याद आई,
देखा बच्चों को स्कूल जाते हुए तो तेरी याद आई,
आ रह थी गर्मागर्म चाय की खुशबू सामने वाले घर से,
तो इस सर्दी की सुबह तेरी बहुत याद आई,
उठा रही थी एक माँ बड़े प्यार से अपने बच्चे को,
हो रहा था वो लेट जाने को स्कूल,
तो तेरी बहुत याद आई....
उस एक पल तेरी बहुत याद आई।
तेरे हाथ का वो नाश्ता,
तेरे वो प्यार भरा स्पर्श।
भूल जाता हूँ मैं हर गम तेरे आँचल पाने क बाद,
माँ तेरी बहुत याद आई..
18 comments:
दीपिका जी,
ब्लॉग्गिंग की इस अनोखी दुनिया में स्वागत है..माँ पर सुन्दर रचना लिखी आपने .....लिखती रहे...
"Maa"........
Teri yad aai....
sach-much bahut achchhi rachana hai aapki.
shubhakamnaoo k sath swagat hai aapka
Shashi Kant Singh
KiiT university
Bhubaneswar
maa se judi yaad ki kavita achhi lagi , kabhi mere blog par aa kar dekhiyega......aapka swagat hai
achchha prayas.
Navnit Nirav
शुभम
maa jaisee pyaari
maa jaisee sundar
maa jaisee mahaan
____________________umda kavita
badhaai !
आपकी कविता "माँ" बहुत अच्छी लगी, और लिखती रहें।
Deepika ji,
bahut bhavanatmak kavita likhi hai ma par ....hardik badhai.word varification hata den to tippanii dena asan rahegaa.
Poonam
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है । मां के प्रति अपनी भावनाओं को आपने बखूबी व्यक्त किया है ।
Word verfication हटा दीजिये तो अच्छा रहेगा ।
दीपिका जी,
ब्लॉग्गिंग की इस अनोखी दुनिया में स्वागत है, अपने चिठ्ठो को बाखूबी ताराशिये ओर अपने से संबाद करे उतेजना मिलेगी
Swagat hai
kabhi yahan bhi aayen
http://jabhi.blogspot.com
A very nice poem on equally beautiful subject.
Avatar Meher Baba Ji Ki Jai
Chandar Meher
avtarmeherbaba.blogspot.com
lifemazedar.blogspot.com
भूल जाता हूँ मैं हर गम तेरे आँचल पाने क बाद,
माँ तेरी बहुत याद आई..
दीपिका जी,
यह पक्तियॉ हम सभी के जीवन का सार होना ही चाहिए। आपने बेहररीन बाते लिखि जो अच्छी लगी।
मुम्बई टाईगर
ma jaisi koi nahi.narayan narayan
ब्लॉग्गिंग की दुनिया में स्वागत है...
सुन्दर। शुभकामनाएँ।
वर्ड वेरिफिकेशन की व्यवस्था हटा दीजिये .
.इससे अनावश्यक समय नष्ट होता है
aap sabhi ka tahe dil se shukriya..
aage bhi aapko apni kavitaon se manoranjit karne ka prayaas rahega mera
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